Wednesday, 12 October 2022

दिनांक- 29 मई 2022 प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0587

 दिनांक- 29 मई 2022

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-0587


घर से भागी नाबालिग चाइल्ड ट्रैफिकिंग की हुई शिकार

बिहार के जहानाबाद से बालिका को अगवा कर बनारस में सिखाया नाच-गाना

मसानजोर से भाग कर दुमका पहुंची बालिका, सीडब्ल्यूसी ने भेजा बालिका गृह


घर से भागी बिहार के जहानाबाद की एक 17 वर्षीय बालिका को चाइल्ड ट्रैफिकिंग गिरोह ने अगवा कर लिया और उसे पहले यूपी के बनारस में रखने के बाद पश्चिम बंगाल से सटे दुमका जिले के सीमावर्ती इलाके में रखा गया था, जहां से वह भाग निकली। 

        जिला बाल सरंक्षण पदाधिकारी प्रकाश चन्द्र के निर्देश पर चाइल्डलाईन दुमका के केन्द्र समन्वयक मधूसुदन सिंह और टीम मेंबर शांतिलता हेम्ब्रम ने इस बालिका को शनिवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया। बालिका की मां, भाई और चाचा भी जहानाबाद से चलकर उसे अपने साथ ले जाने के लिए दुमका पहुंचे थे, पर बालिका की सुरक्षा और सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए सीडब्ल्यूसी ने बालिका को अभिभावकों को नहीं सौंप कर ,उसे बालगृह (बालिका) में आवासित कर दिया। समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार और सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय ने बालिका, उसकी मां और भाई का बयान दर्ज किया। अपने बयान में बालिका ने बताया कि उसके घरवाले उसकी शादी की बात चला रहे थे, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश से उसके पिता उसे लेकर जहानाबाद आये थे। वह अपने सहपाठी से शादी करना चाहती थी, इसलिए 04 मई को वह घर से छोटे भाई को लेकर निकली और फिर भाई को वापस भेज दी। उसने फोन कर सहपाठी को जहानाबाद बाजार बुलाया और शादी के लिए कहा पर उसने इससे इन्कार कर दिया। वह ट्रेन से कटकर आत्महत्या करना चाहती थी, पर इसी बीच जब वह बस स्टैण्ड मे अकेली बैठी थी, तो एक टैंपो रूकी जिसमें दो महिलाएं सवार थी और उन्होंने पूछा कि कहां जाना है। जब उसने अपने घर का पता बताया तो महिलाओं ने कहा कि वे भी उधर ही जा रही हैं, उसे पहुंचा देगी। टैंपो आगे बढ़ी, तो उसमें पांच पुरूष सवार हो गये। इसके बाद जब बालिका को होश आया तो उसने खुद को एक कमरे में बंद पाया। एक सुराख से झांक कर देखा तो बाहर एक बोर्ड पर बनारस लिखा था। वहां कुछ महिलाएं, किन्नर और पुरूष थे, जो उसे जबरन नाच-गाना सिखाते थे और इन्कार करने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। फिर उसे दो पुरूष और महिलओं की वेशभूषा वाली पांच किन्नर लेकर दुमका आ गयी। यहां उसे एक करकट वाले कमरे में बंद कर रखा जाता था। एक दिन वह भाग गयी, तो उसे खोजकर उनलोगों ने पकड़ लिया और वापस बंद कर दिया। 27 मई की सुबह वह यहां से भाग कर मुख्य सड़क पर आयी ,जहां आसपास कई पहाड़ थे और एक बोर्ड था जिसपर मसानजोर लिखा था। यहां से गुजर रहे एक बाइक सवार को उसने आपबीती सुनायी, तो वह उसे पत्ताबाड़ी तक ले गया और 100 रुपये देकर दुमका के बस में बैठा दिया। दुमका बस स्टैण्ड में उतर कर वह नगर थाना प्रभारी के पास पहुंची ,जिन्होंने उसे चाइल्डलाइन के हवाले कर दिया। बालिका के मां ने अपने बयान में बताया कि लोकलाज के कारण बेटी की गायब होने पर उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं करवायी है। उसने स्वीकार किया कि बेटी की शादी की बात चल रही थी, पर अभी कहीं शादी तय नहीं हुई थी। वह बालिग होने पर ही बेटी की शादी करेगी। वह बेटी को अपने साथ ले जाना चाहती है, पर बेटी उसके साथ जाने के लिए तैयार नहीं है। भाई ने अपने बयान में कहा कि उसकी बहन एक लड़के के साथ भाग गयी थी, जिससे वह और परिवार के लोग आक्रोषित हैं। समिति ने बालिका, उसकी मां और भाई के बयान के आधार पर माना कि बालिका पूरा सच नहीं बोल रही है। समिति ने इस मामले को रन अवे (घर से भागना) की श्रेणी में दर्ज करते हुए बालिका को प्रभारी के साथ बालगृह (बालिका) भेज दिया। बालिका की मां, चाचा और भाई को वापस जहानाबाद भेज दिया गया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बालिका के परिजनों को बताया कि प्रक्रिया के तहत जहानाबाद के डीसीपीओ से बालिका का एसआईआर (सामाजिक जांच प्रतिवेदन) मंगवाया जायेगा और केश को ट्रांसफर कर बालिका को जहानाबाद सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया जायेगा। जहानाबाद सीडब्ल्यूसी ही बालिका को अभिभावकों को सौंपने या बालिकागृह में रखने का अंतिम निर्णय लेगी।

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