Sunday, 9 August 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

दुमका, रविवार, दिनांक 09 अगस्त 2015   संख्या 246 दिनांक - 09/08/2015

धर्म और सम्प्रदाय से उपर होता है मेला...
श्रावणी मेला का सभी धर्म एवं सम्प्रदाय के लोग मिलकर इसे एक विष्व प्रसिद्ध मेला का रूप देते है। मो0 मुर्षीद जो बाँका जिला के घोसना गांव के रहने वाले हैं। गाँव-गाँव मेला आदि में घूमकर चादर, बेडसीट आदि बेचते हैं। जब सम्पूर्ण वासुकिनाथ धाम बोलबम के नारों से गूंजायममान था। उसी बीच मो0 मुर्षीद भी बोल बम का नारा लगाते हुए अपना व्यवसाय कर रहे थे। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के मुख्य प्रदर्षनी षिविर स्थित मयूराक्षी कला मंच पर जब कलाकार आपने भक्तिगीतों से काँवरियों को मुग्ध कर रहे थे तो मो0 मुर्षीद भी झूमते गाते काँवरियों के साथ नृत्य करने लगे और खुष होकर अपनी आय का कुछ हिस्सा पुरस्कार स्वरूप भक्तिगीत गाने वाले कलाकारों को दे दिया। एक प्रष्न के जवाब में मो0 मुर्षीद ने कहा कि हमारा देष उत्सवों और त्योहारों का देष है। हम सभी धर्मों के लोग सभी उत्सव और तयोहारों को एक साथ मिलकर मनाते हैं यही हमारे हिन्दुस्तान की संस्कृति की खूबसूरती है। चादर एवं बेडसीट बेचने वाले व्यवसायी के मुँह से इतनी ज्ञान की बात सुनकर अन्य सभी लोग बेहद प्रभावित हुए।



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