Friday, 14 August 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

दुमका, शुक्रवार, दिनांक 14 अगस्त 2015   संख्या 263 दिनांक - 14/08/2015

आदिवासियों के गौरव और उनकी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा को विकास का साथ मिले...
- द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल, झारखण्ड
आदिवासियों के गौरव और उनकी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा को विकास का साथ मिले। सरकार आदिवासी समुदाय को संविधान प्रदत्त अधिकार सुनिष्चित करे और विकास योजनाओं का लाभ उन्हे मिल सके। सबका साथ सबका विकास इस भावना से विकास के प्रयास में आदिवासियों का विकास सन्निहित है। यह बातें झारखण्ड की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने दुमका के इन्डोर स्टेडियम में आयोजित विष्व आदिवासी दिवस समारोह 2015 में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कही।  
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति में षिक्षा की अहम भूमिका होती है। अधिक-से-अधिक लोग उच्च षिक्षा हासिल करें, हमारी यही कोषिष होनी चाहिये। तकनीकी षिक्षा के आयामों को भी अपनायें। आज का दौर तकनीक का है। कौषल विकास से आदिवासियों को जोड़े जाने की जरूरत है। 
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जनजातीय समुदायों की स्वास्थ्य चुनौतियों के प्रति भी कारगर प्रयास किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने अपने जनजातीय भाइयों एवं बहनों से कहना चाहूँगी कि वे पूर्णरूपेण जागरूक होकर विकास व कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े। नषा से मुक्त रहें षिक्षा को अपनायें ताकि गरीबी, अषिक्षा, पलायन, अंधविष्वास व सामजिक कुरीतियों आदि से हम मुक्त हो सके एवं विकसित राज्य और राष्ट्र के निर्माण की दिषा में अपना सहयोग दें।
राज्यपाल ने कहा कि यह राज्य वीरों की भूमि है। इस राज्य में धरती आबा बिरसा मुण्डा, बीर बुधु भगत, सिदो, कान्हु, चाँद, भैरव समेत अनेक सपूत हुए हैं जिन्होंने देष एवं समाज के लिए अपनी जान तक की परवाह नहीं की। इन वीरों का जन्म जनजातीय कुल में ही हुआ था। मैं इस अवसर पर इन महान सपूतों के साथ अन्य सभी विभूतियों के प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित करती हूँ जिन्होंने देष एवं राज्य के लिए संघर्ष किया तथा सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। 
राज्यपाल ने यह भी कहा कि अति प्राचीन काल से ही आदिवासी समुदाय भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के अभिन्न अंग रहे हैं। इस समुदाय का इतिहास काफी समृद्ध रहा है। विष्व स्तर पर इसकी अमिट पहचान रही है। भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के ये अभिन्न अंग रहे हैं। जनजातियों की कला, संस्कृति, लोक सहित्य, परंपरा एवं रीति-रिवाज़ समृद्ध रही है। जनजाति प्रकृति प्रेमी होते हैं, इसकी झलक पर्व-त्योहार में भी देख सकते हैं। जनजातियों के गायन और नृत्य उस समुदाय तक ही सीमित नहीं हैं, सभी के अंदर उस पर झूमने के लिए इच्छा जगा देती है।
राज्यपाल ने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सभी जागरूक होकर उसका लाभ उठायें। पंचायतों को सरकार द्वारा अधिकार सुलभ कराये गये हैं। स्थानीय स्तर पर भी विभिन्न समस्याओं का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रषासन को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मुखिया, पंचायत समिति को देनी चाहिए। यह भी देखा जाता है कि उन्हें बहुत सी योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं रहती है।
समारोह को सम्बोधित करते हुए विषिष्ट अतिथि समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री डाॅ0 लोईस मरांडी ने कहा कि आदिवासी समुदाय का विकास हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो सका है। सरकार का उद्देष्य उन छोटी-छोटी योजनाओं को जनता के बीच प्रचारित एवं प्रसारित करना है। जो उनके हितों के लिए बनाए गये हैं डाॅ0 लोईस मरांडी ने आदिवासी समुदाय के युवाओं को अपने कौषल विकास पर ज्यादा ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए व्यावसायिक प्रषिक्षण कार्यक्रम को और व्यापक जनजन तक पहुँचाने का प्रयास कर रही है। डाॅ0 लोईस मरांडी ने युवाओं को नषा छोड़ कर अपने कौषल विकास पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने उपायुक्त, पुलिस के अधिकारी एवं कल्याण विभाग के अधिकारी से कहा कि वे जनजातीय समुदाय के समस्याओं को समय देकर और धैर्य से सुने।
इस अवसर पर विभिन्न अनुसुचित जाति एवं जनजातीय विद्यालय के बच्चे जो कि क्विज, चित्रांकन, गीत तथा नृत्य आदि प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। क्विज प्रतियोगिता में मिथुन देहरी, जितेन्द्र देहरी, पूनम कुमारी, पल्लवी कुमारी, प्रिया कुमारी। चित्रांकन प्रतियोगिता में जोनी मालतो, ममता पहाडि़न, अनुअंजिता हाँसदा, स्टेनषीला बास्की, सजिया उस्मान को। एकल नृत्य प्रतियोगिता में पूनम कुमारी, प्रियंका कुमारी, बहती पहाडि़न, श्रीति हेम्ब्रम, नेली सोरेन, लखी कुमारी। निबंध प्रतियोगिता में मिथुन देहरी, अनुअंजिता हाँसदा, धर्मा पहाडि़या, रोमानिका सोरेन, इन्द्रानी कुमारी को प्रषस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। खेलकूद के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाले सुश्री प्रेरणा मुर्मू, बे्रन्टियस मरांडी, दानियल किस्कु, विकास मरांडी, अषोक टुडू, देवीधन टुडू, सुबोध बास्की, मन्टु सोरेन, सुनिल सोरेन को सम्मानित किया गया। इस समारोह में श्री चुण्डा सोरेन सिपाही, श्री भैय्या हाँसदा चासा, डाॅ0 प्रमोदिनी हाँसदा, श्री षिबू टुडू, श्री महेन्द्र बेसरा बेपारी जैसे लेखकों को उनके योगदान के लिए शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। 
सिदो कान्हु विष्वविद्यालय के छात्र संजय सोरेन नोवेल किस्कु, ऋषिराज हेम्ब्रम तथा अन्न्नतो हेम्ब्रम भी अपने विष्वविद्यालय की ओर से फुटबौल खेल में बेहतरीन प्रदर्षन किये जा के कारण सम्मानित किये गये।
सभा को नगर पषर््ाद अध्यक्ष अमिता रक्षित ने भी सम्बोधित किया तथा विष्व आदिवासी दिवस पर सबों को शुभकामनाएं दी। स्वागत सम्बोधन आयुक्त संताल परगना श्री एल0 ख्यांग्ते ने तथा ध्यन्यवाद ज्ञापन दुमका के उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा ने की।











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