Thursday, 13 August 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

वासुकिनाथधाम, गुरूवार, दिनांक 13 अगस्त 2015   संख्या 260 दिनांक - 13/08/2015

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के मुख्य प्रदर्षनी षिविर में आज तड़के 3 बजे एक बड़ी ही मार्मिक स्थिति उत्पन्न हो गई थी जब सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप निदेषक श्री अजय नाथ झा मुख्य प्रदर्षनी षिविर निरीक्षण के क्रम में पहुँचे तो देखा कि काँवरियों के भारी भीड़ के बीच एक महज लगभग दो साल का बच्चा बीच रास्ते पर रो रहा है। सूचना सहायता षिविर के कर्मी तत्काल उस बच्चे को उठाकर अपने षिविर में लाए। समस्त सूचना सहायता कर्मी तत्काल उसकी माँ को चारों ओर खोजने लगे। चारो ओर भगवामय माहौल में वह बच्चा अपनी माँ को पहचान पाने में भी असमर्थ था। परन्तु सूचना सहायता षिविर के कर्मी निलेष, अष्विनी, सौरभ और चन्दन ने हार नहीं मानी और उस बच्चे की माँ को ढूँढ़ने का प्रयास जारी रखा। उसकी माँ तो सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के विषाल मुख्य प्रदर्षनी षिविर में थकी हारी गहरी नींद में सोई हुई थी। जैसे ही उनकी नींद खुली बदहवास सी अपने बच्चे को खोजने लगी। ऐसी सूरत में जैसे ही अपने बच्चे को सूचना सहायता कर्मी के गोद में देखा तो तत्काल लपक कर बच्चे को अपने गोद में उठाकर सीने से लगा ली। उस ममतामयी माँ ने सूचना सहायता कर्मियों सहित सबों को इस नेक कार्य के लिए कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।

वासुकिनाथ धाम स्थित विष्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में कई जगह से आए व्यवसायी अलग-अलग प्रकार से व्यवसाय करते हैं। परन्तु मेले में घुघनी मुढ़ी, चैप, बड़ा, पकौड़ी आदि के दुकान की बात ही कुछ अलग है। मेले में सर्वाधिक भीड़ इन्हीं दुकानों पद देखी जा रही है। आम तौर पर पूरे संताल परगना में इन भोज्य पदार्थ को बेहद पसंद किया जाता है। देष विदेष में विभिन्न जगहों से आये काँवरिया बन्धु भी इसे बेहद पसंद करते है। चार पाँच दिनों की बिना नमक खाए यात्रा करने वाले काँवरियों भक्तगण जैसे ही बाबा वासुकिनाथ को जलार्पण करते हैं। उनकी खुषी देखते ही बनती है। ऐसे में किसी घुघनी मुढ़ी, चैप, बड़ा, पकौड़ी भी मिल जाए तो मानों उनकी समस्त थकान दूर हो जाती है। तथा उन्हें इन भोज्य पदार्थ को खाकर असीम संतोष प्राप्त होता है।

काँवरियों की भारी भीड़ और बोलबम के महामंत्र से गुंजायमान वासुकिनाथधाम में आए सभी काँवरिये बहुत उत्साहित नजर आए। एक सूचना सहायता कर्मी ने जब काँवरियों से इस उत्साह का कारण जानना चाहा तो काँवरिया श्री मंगलू राम ने बताया कि मैं पिछले 10 वर्षों से काँवर लेकर श्रावण मास में बाबा वासुकिनाथधाम आता हूँ परन्तु इसबार मेले में जिला प्रषासन द्वारा बहुत ही अच्छी व्यवस्था की गई है। महिला काँवरियों और पुरूष काँवरियों के ठहरने एवं मनोरंजन हेतु जिला प्रषासन सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग का अलग अलग षिविर स्वास्थ्य षिविर, साफ-सफाई तथा कानून एवं व्यवस्था आदि बहुत अच्छी है। श्री राम ने यह भी बतलाया कि अबतक उन्होंने कई धार्मिक स्थलों पर आयोजित मेला को देखा है। परन्तु जितनी अच्छी व्यवस्था वासुकिनाथ धाम में है उतनी अन्यत्र कहीं नहीं। 

वासुकिनाथधाम में आज 4 बजे तक 57289 काँवरियों ने जलाभिषेक किया जिसमें 16300 जलार्पण काउन्टर, 1089 शीघ्र दर्षनम के माध्यम से बाबा का जलाभिषेक किया। आज देर रात तक लगभग 65300 काँवरियों द्वारा जलार्पण किए जाने का अनुमान है। आज 67 ग्राम चाँदी का चढ़ावा प्राप्त किया गया तथा सभी स्त्रोतों से कुल चढ़ावा राषि 728959 रूपये रही। मंदिर न्यास समिति द्वारा 5 ग्राम का 10 चांदी का सिक्का बिक्री किये गये।



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