Friday, 7 August 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

संख्या 237 दिनांक - 07/08/2015
वासुकिनाथधाम, दुमका दिनांक 07 अगस्त 2015
बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ चिंता देवी अपने पति विजय कुमार राम के साथ जो कि अतवल भिगा ग्राम की निवासी हैं। यह बिहार के नालन्दा जिला स्थित फतुहा प्रखंड में पड़ता है। बाबा बैद्यनाथ और बाबा वासुकिनाथ पर जलार्पण करने आई थी। दुर्भाग्यवष देवघर में ही चिन्ता देवी अपने पति विजय कुमार राम से बिछड़ कर वासुकिनाथधाम पहुँच गई हैं। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के प्रदर्षनी षिविर में पिछले दो दिनों से अपने परिजनों की कतार दृष्टि से प्रतीक्षा कर रही है। दुर्भाग्य यह कि उनके पास अपने किसी परिजन का सम्पर्क नम्बर भी नहीं है। फिर भी सूचना सहायता षिविर के कर्मी क्रमषः सौरभ मालवीय, अष्विनी कुमार मंडल, संदीप कुमार मंडल और चंदन कुमार किसी भी सूरत में उन्हें अपने परिजनों से मिलाने हेतु अपनी तरफ से हर सम्भव कोषिष कर रहे हैं। सूचना एवं जनसम्पर्क निदेषक श्री अजय नाथ झा ने बतलाया कि कल चिन्ता देवी को सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय के किसी विष्वस्त कर्मी के माध्यम से श्रीमती चिन्ता देवी को सकुषल उनके घर तक भेज दिया जाएगा। 
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा चलाये जा रहे मयूराक्षी कला मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में कृष्ण जी एण्ड पार्टी ने भक्ति गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय कर दिया। कृष्णाजी, सपन जी, गुड्डु, डब्लू अलवेला, कमल किषोर तथा चाँदनी मिश्रा के गाए भक्ति गीतों पर काँवरिया भक्तगण अपने तमाम मकानों को भूलकर थिरकने पर मजबूर थे। क्या जवान सभी एक साथ मिलकर झूम रहे थे। की बोर्ड पर उदय जी, पैड पर अजय, नाल पर अजीत बैन्जों पर जन्मयजय ने इन कलाकारों के गीतों में अपने सुमधुर धुनों से चार चाँद लगा दिए। राह से गुजरने वाले तमाम काँवरियों के साथ-साथ आमजन भी इन कलाकारों के गाए गीतों को एक बार सुनकर ही अपनी मंजिल की ओर कदम बढ़ाते दिखें। ज्ञात हो कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष मुख्य प्रदर्षनी षिविर वासुकिनाथ धाम में श्रावणी मेला में प्रातः 11 बजे से रात्रि 11 बजे तक भक्ति गीतों का कार्यक्रम कराया जाता है। इसके अलावा हंसडीहा सुखजोरा तथा मोतिहारा स्थित सूचना एवं सहायता षिविरों में भी भक्तों के मनोरंजन एवं उनमें आपसी एकता एवं भाईचारा के भावना के विकास हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। 
विष्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में सातवे दिन भी बाबा वासुकिनाथ पर जलार्पण करने वाले कांवरियों का तांता लगा रहा बोलबम का नारा लगाते हुए श्रद्धा एवं भक्ति में डूबे भक्तगण अपनी लम्बी यात्रा की थकान को मानों बाबा नगरी में पहूँचते ही भूल चुके थे। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं की एक जगह पर उपस्थिति विधि व्यवस्था के लिए एक गम्भीर चुनौती होती है। दुमका जिला प्रषासन द्वारा इस बार वासुकिनाथ धाम में इसके लिए 97 मजिस्ट्रेटों को निगरानी में 97 पोस्ट तैयार किये गए हैं जरमुण्डी नंदी चैक पर प्रमोद सिंह की निगरानी में एक पोस्ट है। मजाल है कि कोई वाहन या व्यक्ति बिना समुचित पहचान के मेला परिसर में घुस जाए। उसी प्रकार संस्कार मण्डप के पास स्थित प्रवेष द्वार पर जवाहर लाल जी की निगरानी है जो महिलाओं और पुरूषों को बारी-बारी से मंदिर में प्रवेष करने की अनुमति देते हैं। मिथि टुडू और पूनम वर्मा का दायित्व महिला प्रवेष द्वार पर है ताकि कोई गलत ढंग से मंदिर प्रांगण में प्रवेष न कर पाए। राधेष्याम सिंह एवं शंकर पाण्डेय जी क्रमषः षिवगंगा के दक्षिण पष्चिम के पास तथा काली मंदिर के पास स्थित पोस्ट पर प्रतिनियुक्त है जो यह देखते हैं कि भक्तों की लाईन सुव्यवस्थित रहे तथा सभी श्रद्धालु बिना किसी अव्यवस्था के अपने इष्टदेव का दर्षन कर सके। भक्त काँवरियों से कोई अवैध वसूली न कर सके। इस हेतु रेलवे स्टेषन रोड स्थित हरिपुर रोड में सत्येन्द्र सिंह जी अपने पुलिस बल के साथ पूरी मुस्तैदी से टोल टैक्स वसूली के कार्य की निगरानी कर रहे थे। 
वासुकिनाथधाम में आज 4 बजे तक 53620 काँवरियों ने जलाभिषेक किया जिसमें 37200 जलार्पण काउन्टर के माध्यम से तथा 710 लोगों ने शीघ्र दर्षनम कूपन का उपयोग कर बाबा का जलाभिषेक किया। आज देररात लगभग 70000 काँवरियों द्वारा जलार्पण किए जाने का अनुमान है। 
आज 80 ग्राम चाँदी का चढ़ावा प्राप्त किया गया तथा चाँदी के 10 ग्राम के 4 सिक्के एवं 5 ग्राम के 2 सिक्के बिक्री किए गए। सभी स्त्रोतों से कुल चढ़ावा राषि 853726 रूपये रही।


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