Thursday, 6 August 2015

सूचना भवन, दुमका 

प्रेस विज्ञप्ति

संख्या 229 दिनांक - 05/08/2015
दुमका दिनांक 05 अगस्त 2015
सड़क दुर्घटना के पीडितों के जान बचाने वाले को ‘‘गुड सेमेरिटन’’ कहा जाएगा। ऐसे लोगों का कोई भी उत्पीड़न नहीं करेगा। यह बात आज दुमका के पुलिस अधीक्षक श्री विपुल शुक्ला ने कही। भारत सरकार ने के नये कानून के अनुसार ‘‘गुड सेमेरिटन’’ का उत्पीड़न किया जाना अपराध माना जाएगा। यदि कोई ‘‘गुड सेमेरिटन या बाईस्टैंडर’’ किसी घायल व्यक्ति को निकटतम अस्पताल पहुँचाता है तो उससे उसका पता जान लेने के अलावा कोई प्रष्न नहीं पुछा जाएगा। सड़क दुर्घटना के पिड़तों के मदद में लिए आगे आने हेतु नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिए उचित इनाम या मुआवजा राज्य सरकार के प्राधिकरण के दौरान दिया जाएगा।
‘‘गुड सेमेरिटन या बाईस्टैंडर’’ किसी भी सिविल या आपराधिक दायित्व के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। यदि कोई ‘‘गुड सेमेरिटन या बाईस्टैंडर’’ सड़क पर पड़े घायल की सूचना पुलिस या आपातकालीन को देता है तो उसे फोन पर या किसी भी अन्य तरीके से नाम और व्यक्तिगत विवरण देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। सरकार उन अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करेगी जो किसी ‘‘गुड सेमेरिटन या बाईस्टैंडर’’ से नाम या व्यक्तिगत विवरण देने के लिए बाध्य करंेगे या धमकायेंगे। 
यदि कोई ‘‘गुड सेमेरिटन या बाईस्टैंडर’’ अपना सम्पर्क या पता देते हैं और पुलिस या मुकदमें के जाँच पड़ताल के लिए जाँच किया जाना जरूरी हो तो ‘‘गुड सेमेरिटन या बाईस्टैंडर’’ से केवल एक बार ही पूछताछ की जाएगी तथा किसी भी परिस्थिति में ‘‘गुड सेमेरिटन या बाईस्टैंडर’’ को धमकाना या उत्पीडि़त करना वैध नहीं होगा। 
पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के आपातकालीन स्थिति में जिस डाॅक्टर की ड्यूटी हो और वह चिकित्सीय देखभाल करने से मना करता है या उपेक्षा करता है तो वह व्यवसायिक कदाचार के तहत माना जाएगा और उसके विरूद्ध नियमानुसार अनुषासनात्मक कार्रवाई की जाएगाी।

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