Monday 20 August 2018

दुमका 19 अगस्त 2018
प्रेस विज्ञप्ति संख्या - 586
सिर्फ रंग नहीं खुशियों की निशानी है मेंहदी ...
राजकीय श्रावणी मेला के दौरान बाबा बासुकिनाथ धाम पहुंचने वाली महिलायें और युवतियां मेला मेला क्षेत्र में लगे मेंहदी के स्टॉल से मेंहदी लगवानी नहीं भूलतीं। मेंहदी सिर्फ रंग ही नहीं खुशियों की भी निशानी है। मेंहदी का रंग हमारी उस समृद्ध परंपरा का परिचायक भी है जहां महिलायें सावन, तीज, करवाचैथ या दूसरे त्योहारों में मेंहदी जरूर अपने हाथों में रचाती हैं। ऐसे में सावन के महीने में जब बाबा फौजदारी नाथ पर जलार्पण करने के लिए महिला श्रद्धालु बासुकिनाथ धाम पहुंचती हैं तो मेला क्षेत्र में लगे मेंहदी स्टॉल से हाथों में मेंहदी रचाना नहीं भूलतीं। मेंहदी लगाना ज्यादातर लड़कियों को पसंद है। मेंहदी सिर्फ श्रृंगार की वस्तु नहीं खुशियों की प्रतिक है। दूल्हन के हाथों में लगा मेंहदी का गहरा रंग पति-पत्नी के बीच के अटूट प्रेम को भी दर्शाता है। लड़कियों के लिए बिन मेंहदी सावन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

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